चाणक्य नीति : आचार्य चाणक्य द्वारा अपने नीति शास्त्र में बताई गयीं इन नीतियों और शिक्षाओं को अपनाकर आप अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों से बाहर आ सकते हैं और सफलता की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
आचार्य चाणक्य को कौन नहीं जानता, आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। वे तक्षशिला विश्व विद्यालय के आचार्य थे। उन्होंने अपने जीवन काल में राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, सामाजिक शास्त्र और कृषि शास्त्र से सम्बंधित कई महान ग्रन्थ लिखे, जिनका अनुसरण करके आज भी उनके अनुयायी इनका लाभ लेते हैं। हज़ारों साल पहले कही गयीं उनकी नीतियां आज भी अनुसरणीय हैं। आप भी आचार्य चाणक्य की नीतियों पर अमल करके जीवन को खुशहाली और सुख शांति से भर सकते हैं। आचार्य का नीतिज्ञान कठोर अवश्य है लेकिन आमजन के लिए फायदेमंद है। आइये जानते हैं आचार्य चाणक्य की बताई कुछ नीतियों के बारे में जिनसे आप अपने जीवन की परेशानियों को काम करके खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं ;
जो व्यक्ति अपने तन, धन और समय का सही उपयोग करता है वही सफल होता है
चाणक्य के अनुसार, अगर आप अपने शरीर और अपने पास मौजूद धन का उपयोग सही और उचित तरीके से करते हैं तो निश्चित तौर पर सफलता आपके कदम चूमेगी। चाणक्य यहाँ समय को भी धन ही मानते हैं। समय धन ही तो है अगर समय गँवा दिया तो वह दोबारा लौट कर नहीं आता। सही समय पर मिला मौका गँवा देने से नुकसान हो सकता है और हो सकता है कि वह मौका दोबारा नहीं मिले।
समय से पहले और भाग्य से ज्यादा कुछ नहीं मिलता
जब जब आपके साथ जो होना है वो होना ही है आप अपने भाग्य को नहीं बदल सकते। एक गरीब घर का बच्चा बड़ा होकर अमीर हो सकता है अगर उसके भाग्य में लिखा है। भाग्य ही दिशा दिखाता है और उसी हिसाब से बुद्धि देता है। जीवन में जब जो मिलना है या जो घटना है वो उसी समय होना है। जितना आपके भाग्य में लिखा है वो आपको मिलना ही है लेकिन उससे ज्यादा की उम्मीद लगाना अपने लिए तनाव और परशानी का कारण बन सकता है।
दूसरों की मदद करने से पहले अपनी स्थिति देख लें
आचार्य कहते हैं कि दूसरों की मदद करने से पहले मनुष्य को अपनी स्थिति देख लेनी चाहिए। अगर खुद की स्थिति अच्छी नहीं तो दूसरों की मदद करने से खुद को नुक्सान उठाना पड़ सकता है। माना आपका कोई दोस्त आपसे पैसे उधर मांगता है लेकिन आपकी खुद की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं तो ऐसे में उसकी मदद करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। पहले खुद को सशक्त बनायें उसके बाद ही किसी की मदद करें।
जिसने खुद को जीत लिया उसने दुनिया जीत ली
आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता ही मनुष्य की सच्ची शक्ति है। ये दोनों गुण होने से व्यक्ति जीवन की हर परेशानी और कठिनाइओं को पार कर सकता है। आचार्य कहते हैं व्यक्ति को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी होने के लिए निरन्तर प्रयास करते रहना चाहिए। इससे किसी के सामने हाथ फ़ैलाने की कभी जरूरत नहीं पड़ेगी।
बुद्धिमान वही जो अपने शत्रु को मित्र भी बना सके
चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो वक्त और जरूरत के हिसाब से अपने शत्रु को भी अपना मित्र बना सके। ऐसी योग्यता किसी बुद्धिमान व्यक्ति में ही हो सकती है। यदि आपको लगता है कि किसी शस्त्रु की वजह से आपको नुकसान हो सकता है या आप किसी परेशानी में आ सकते हैं तो उसे मित्र बना लेना चाहिए
शरीर की रक्षा के लिए हम भोजन करते हैं लेकिन आत्मा की रक्षा के लिए ज्ञान अर्जित करना चाहिए
आचार्य के अनुसार शारीरिक शक्ति के साथ साथ आत्मिक और मानसिक शक्ति का होना भी जरूरी है क्योंकि कभी कभी शरीर की ताकत से ज्यादा मानसिक शक्ति ज्यादा कारगर होती है। और मानसिक शक्ति को ज्ञान से प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए निरंतर ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए।
शांति से ज्यादा कुछ भी कीमती नहीं
मनुष्य शान्ति पाने के लिए कहाँ कहाँ नहीं भटकता, क्या क्या नहीं करता। लेकिन शांति को तो अपने भीतर ही खोजा जा सकता है। जीवन में शांति सबसे बड़ी सम्पति है, इसके बिना कोई भी सफलता ख़ुशी नहीं दे सकती। इसलिए जीवन की परेशानियों को कम करने में शांति का होना काफी जरूरी है।
बड़ों का सम्मान करने का गुण
आचार्य के अनुसार जिस व्यक्ति में अपने से बड़ों का आदर और सम्मान करने का गुण होता है वो हमेशा ही उनके आशीर्वाद का पात्र होता है। बड़ों का आशीर्वाद और दुआएं भी व्यक्ति के लिए काफी
फायदेमंद होती हैं।
मनुष्य को कभी भी भविष्य को लेकर चिंतित या तनावग्रस्त नहीं होना चाहिए
आचार्य कहते हैं कि भविष्य की चिंता करने से किसी का भविष्य नहीं संवरता है। भविष्य को सुनहरा बनाने के लिए वर्तमान को संजीदगी और जागरूक होकर जिया जाना चाहिए। यदि वर्तमान अच्छा है तो भविष्य स्वयं अच्छा हो जाता है।
ये भी पढ़ें : चाणक्य नीति : जिन बच्चों में होते हैं ये चार पैदाइशी गुण वो करते हैं अपने माता पिता का नाम रौशन
आचार्य चाणक्य की इन नीतियों या शिक्षाओं को अपनाकर जीवन की कई परेशानियों से बाहर निकल कर सफलता पायी जा सकती है। हमें इनका अनुसरण अपने दैनिक जीवन में जरूर करना चाहिए।
0 टिप्पणियाँ