हिमाचल प्रदेश सरकार ने विभाग को इंदिरा गाँधी प्यारी बहना सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लाभ पाने वाली महिलाओं की पात्रता की पुनः जाँच करने के निर्देश दिए हैं। पहले ये जाँच जिला कल्याण अधिकारी करते थे अब पंचायत स्तर पर भी आवेदनों की जाँच होगी और जो महिलाएं अपात्र होगीं उन्हें अपनी सम्मान निधि के रूप में प्राप्त हुए पैसे वापस करने होंगे। प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत लाभ ले चुकी महिलाओं के अलावा अन्य सभी आवेदनों की डिटेल्स संबधित पंचायतों को भेजी जाएगीं और ग्राम सभा में इनकी जाँच होगी।
सुक्खू सरकार ने योजना के पात्र महिलाओं को को देने के लिए अगस्त महीने के पहले सप्ताह में 34 करोड़ रूपये जारी किये थे। इस राशि को जिला आधार पर जारी किया जा रहा है। कुछ ज़िलों में कई महिलाओं को तीन किश्तों का लाभ मिल चुका हैं और 4500 रूपए उनके खाते में आ चुके हैं। अब इस नए अपडेट के अनुसार इन महिलाओं को पैसे वापस करने पड़ सकते हैं यदि उनकी पात्रता सिद्ध नहीं हुई तो।
योजना के लिए अभी तक सरकार के पास आठ लाख से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं और पहले से ही 1150 रुपये या कोई और अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रही अढ़ाई लाख महिलाओं को इस योजना के तहत 1500 रुपये की राशि दे जानी है। इसके अतिरिक्त योजना के तहत जुडी 54000 नयी लाभार्थियों को यह राशि दे जा रही है। लेकिन अब ये सभी आवेदन पंचायतों में भी जांचने के लिए भेजे जाएंगे जिससे विलम्ब अवधि भी बढ़ जाएगी और अंत में लाभार्थी महिलाओं की संख्या भी कम हो जाएगी।
कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनावों में वादा किया था कि प्रदेश की हर महिला को जो 18 से 59 साल की हो उसे 1500 रुपये दिए जाएंगे लेकिन योजना में इस नए अपडेट से कई महिलाएं अपात्र हो जाएंगी
हिमाचल प्रदेश विधान सभा में नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि चुनाव से पहले किये गए कांग्रेस के झूठे वादे अब नाकाम साबित हो रहे हैं, चुनाव से पहले कहा था कि घर में अगर एक महिला है तो 1500 रुपये और अगर 2 महिलाएं हैं तो 3000 रुपये दिए जाएंगे लेकिन अब ऐसी शर्ते लगा दीं हैं कि 1500 भी न देने पड़ें।
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