कभी कभी हमारे सामने कई तरह की स्थितियां सामने आ जाती हैं जिनके कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थितियों के बारे में आचार्य चाणक्य वहां से भाग निकलने में मनुष्य की भलाई बताते हैं।
आचार्य चाणक्य आज से हज़ारों साल पहले हुए। गुप्त साम्राज्य की नींव रखने में उनकी काफी भूमिका थी। नन्दवंश को समाप्त करके चंद्र गुप्त मौर्या को राजा बनाया और आगे चल कर गुप्त साम्राज्य ने ही भारत वर्ष के कई हिस्सों पर राज किया। आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। वे तक्षशिला विश्व विद्यालय के आचार्य थे। उन्होंने अपने जीवन काल में राजनीति शास्त्र , अर्थशास्त्र , सामाजिक शास्त्र और कृषि शास्त्र से सम्बंधित कई महान ग्रन्थ लिखे, जिनका अनुसरण करके आज भी उनके अनुयायी इनका लाभ लेते हैं। हज़ारो साल पहले कही गयीं उनकी नीतियां आज भी अनुसरणीय हैं।
वैसे तो मानव जीवन में कई तरह की परेशानियों और मुसीबतों का सामना करना ही पड़ता है। हर तरह की उलझन, परेशानी या मुसीबत से डट कर मुकाबला करना ही मनुष्य का परम कर्तव्य है। लेकिन कभी कभी ऐसी परिस्थियाँ सामने होती हैं जिनके कारण भविष्य में परेशानी हो सकती हैं। कई बार तो जान का भी खतरा हो सकता है या कई बार नाम , मान, सम्मान ,यश कीर्ति भी खतरे में पड़ सकते हैं। ऐसी चार स्थितियों के बारे में अपने एक श्लोक में आचार्य चाणक्य ने वहां से भाग निकलने की सलाह दी है। वो स्थितियां क्या हैं आज के लेख में हम उनका जिक्र करने जा रहे हैं :
उपसर्गेSन्यचक्रे च दुर्भिक्षे च भयावहे।
असाधुजनसम्पर्के यः पलायति स जीवति।।
1 . आचार्य कहते हैं कि यदि कभी किसी स्थान पर हिंसा या दंगे हो जाये , भीड़ बेकाबू हो जाये तो उस स्थान से अपनी भलाई समझते हुए तुरंत ही भाग जाना चाहिए। उसी में आपकी भलाई है वर्ना जान भी जा सकती है या भविष्य में कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
2. यदि कभी आप कहीं घूम फिर रहे है या अपना कोई काम कर रहे हैं या किसी अन्य कारण से आप वहां उपस्थित हैं , और कोई बदनाम या आपराधिक प्रवृति वाला कोई व्यक्ति वहां आ जाता है तो आपको ऐसी जगह से निकल लेना चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों के साथ आपको खड़ा देख दूसरे लोग आपको भी वैसा ही समझेंगें और आपकी बेइज्जती या अपयश हो सकता है।
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3. कभी किसी स्थान या देश या क्षेत्र में अकाल , भुखमरी या महामारी हो जाये तो ऐसे स्थान से भी पलायन कर देना चाहिए। चाणक्य के अनुसार ऐसे स्थान में ज्यादा समय तक जीवित रह पाना मुश्किल हो जाता हैं।
4. आचार्य के अनुसार यदि कोई शत्रु या अनजान व्यक्ति अचानक से आपके ऊपर हमला कर देता है तो उस स्थिति में मौका पाकर वहां से भाग जाना चाहिए चाहे लोग आपको कायर ही समझें क्योंकि हो सकता है उस समय आप एकाएक खुद को त्यार न कर पाएं और आपकी जान को खतरा हो।
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