सुखमय वैवाहिक जीवन : क्या कहती है चाणक्य नीति

 



आचार्य चाणक्य आज से हज़ारों साल पहले हुए। गुप्त साम्राज्य की नींव रखने में उनकी काफी भूमिका थी। नन्दवंश को समाप्त  करके चंद्र गुप्त मौर्या को राजा

बनाया और आगे चल कर गुप्त साम्राज्य ने ही भारत वर्ष के कई हिस्सों पर राज किया। आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। वे तक्षशिला विश्व विद्यालय  के आचार्य थे। उन्होंने अपने जीवन काल में राजनीति शास्त्र , अर्थशास्त्र , सामाजिक शास्त्र और कृषि शास्त्र से सम्बंधित कई महान ग्रन्थ लिखे, जिनका अनुसरण करके आज भी उनके अनुयायी इनका लाभ लेते हैं।  हज़ारो साल पहले कही गयीं उनकी नीतियां आज भी अनुसरणीय हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताएँगे कि वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए आचार्य ने क्या कहा जिससे आप का वैवाहिक जीवन सुखमय और खुशियों भरा हो :



जीवन साथी को खुश रखें :

 जीवन के हर क्षण अपने साथी को खुश रखने की कोशिश करें। जीवन साथी चाहे वो पति है या पत्नी ,उसके खुश रहने से ही जीवन खुशहाल होगा।  इस बात को समझें और अपने जीवन में हर चीज़ का लुत्फ़ उठायें। उसके साथ बीतने वाले हर एक क्षण को खुशनुमा बनायें , चाहे सुख हो या दुःख हो , अपना ख़ुशी से पहले साथी की ख़ुशी का ख्याल रखें इससे दोनों में प्यार भी बढ़ेगा और ख़ुशी भी। 


साथी का सम्मान करें :

आचार्य चाणक्य के अनुसार हर हाल में अपने साथी का सम्मान करना चाहिए। जब आप किसी सम्मान या इज्जत देते हैं तो बदले में आप भी वही पाएंगे।  इससे पति पत्नी का रिश्ता और ज्यादा मजबूत होता है और आपस में प्रेम बढ़ता है। 



ईमानदार बने :

चाणक्य कहते हैं कि अपने साथी के प्रति ईमानदारी व् वफादारी ही दांपत्य जीवन का आधार है।  पति या पत्नी के होते हुए पराये पुरुष या महिला से सम्बन्ध किसी भी खुशहाल रिश्ते को पल भर में नष्ट कर देता है और कई तरह की परेशानियो का सामना करना पड़ता है।  अपने साथी के प्रति पूरी निष्ठां के साथ रिश्ता निभाना  चाहिए। 


जीवनसाथी की सुरक्षा का ख्याल रखें :





आचार्य के अनुसार , जीवन साथी की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखना चाहिए।  इससे साथी के मन में आपके प्रति प्रेम और सम्मान भी बढ़ेगा और परिवार में खुशियां भी।  ध्यान रखें पति और पत्नी दोस्त की तरह हो तो दुःख दूर हो जाता है।  

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त्याग, विश्वास, प्यार और अपनापन पति पत्नी के नाज़ुक रिश्तों के मणकों  को अटूट धागे में पिरोते  हैं। 


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