हिमाचल प्रदेश के नाहन में उत्तराखंड के जंगलों से नदी को पार करके एक हाथी बार बार हिमाचल की सीमा में आ जाता था लेकिन धीरे धीरे हाथियों का पूरा झुण्ड ही आने लगा। इन हाथियों ने ना केवल गाँवों की फसलों को तबाह किया बल्कि दो लोगों की जान भी ले ली थी, पूरा पढ़ें..
इस सायरन में एक खास तरह की तकनीक इस्तेमाल की गई है। जब भी हाथी की परछाई इस पर पड़ेगी इस सायरन में लगे सेंसर हाथी को पहचान लेंगे और सायरन जोर जोर से बजने लगेगा। इस सायरन को ऐसी जगह पर लगाया गया है जहाँ से हाथी इस क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। इस सायरन की एक और खास बात ये है कि यह बिजली की खपत नहीं करेगा, यह सौर ऊर्जा से काम करेगा।
वैसे तो हिमाचल प्रदेश में हाथी न के बराबर ही हैं या कम ही पाए जाते हैं लेकिन पडोसी राज्य उत्तराखंड के जंगलों से हाथी यमुना नदी को पार करके हिमाचल की सीमा के अंदर घुस आते हैं और यहाँ उत्पात मचाते हैं। इस सायरन के बजते ही जोर जोर से आवाज चेतावनी भरी आवाज निकलती हैं जो दूर दूर तक लोगों को सुनाई देंगीं जिससे लोग हाथी के आने से पहले ही सतर्क हो जाएंगे। लगभग डेढ़ दशक पहले एक हाथी यमुना नदी को पार कर यहाँ आ पहुंचा था शायद उसे यहाँ की आबोहवा रास आ गई और धीरे धीरे यहाँ हाथियों के झुण्ड आने लगे और यहाँ खेतों की फसलों का बर्बाद करने लगे, इतना ही नहीं हाथियों के झुंडों ने यहाँ दो लोगों की जान भी ले ली थी , जिस कारण यहाँ सायरन लगाना पड़ा। इस सायरन के लग जाने से यहाँ की लोग अब राहत महसूस कर रहे हैं।
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