हड़सर से मणिमहेश झील तक पीने के लिए पानी के नल विभिन्न स्थानों पर लगा दिए गए हैं। हड़सर से डल झील यानि की मणिमहेश झील तक पैदल रास्तों निर्माण कर दिया गया है और जगह जगह सोलर लाइट्स लगाईं गयीं हैं। पर्यटन विभाग ने भी छनछो के पास टेंट लगाए हैं जहा पर लोग विश्राम कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की आपदा से बचने के लिए हड़सर से डल झील तक NDRF सहित दो अन्य एजेंसी के जवानों को तैनात किया गया है जो यात्रियों की सुरक्षा और मार्गदर्शन में सहायता करेंगे।
मणिमहेश की यात्रा के लिए पहली बार सुंदरासी नामक स्थान पर एक छोटा सा अस्पताल स्थापित किया गया है जहाँ पर तीन बिस्तरों की व्यवस्था की गई है जहाँ एक समय में तीन लोगों को जरूरत पड़ने पर बेहतर उपचार मिलेगा। इसके अलावा अन्य मुख्य स्थानों पर चिकित्सा शिविर स्थापित किये गए हैं जहाँ बेहतर उपचार की व्यवस्था की गई है। इस सबके अलावा डल झील के पास मौसम सुचना केंद्र की स्थापना की गई है जो निरंतर बदलते मौसम की सुचना आने और जाने वाले लोगों को देगा। अनौपचारिक रूप से मणिमहेश यात्रा एक माह पहले ही शुरू हो चुकी है जिसमे लाखों श्रद्धालु यात्रा कर चुके हैं।
अगर आप भी इस बार मणिमहेश यात्रा करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि निकलने से पहले साड़ी तैयारी पूरी कर लें। गर्म कपडे, छाता,रेनकोट,टॉर्च,छड़ी आदि लेकर ही निकलें। 2024 की मणिमहेश यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू हो चूका है। बिना पंजीकरण जाना मुश्किल भरा हो सकता है। पंजीकरण के लिए नीचे दिए गई लिंक पर क्लिक करें
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