हिमाचल प्रदेश आने वाले पर्यटकों को हिमाचल हाईकोर्ट ने दिया झटका, हिमाचल आने पर देना होगा टैक्स

हिमाचल प्रदेश में हर साल लगभग दो करोड़ पर्यटक घूमने फिरने के लिए आते हैं। ज्यादातर लोग गर्मियों में और बर्फ़बारी के सीजन में हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों का रुख करते हैं। इन दिनों शिमला,काँगड़ा, कुल्लू -मनाली,किन्नौर,लाहुल स्पीति,चम्बा में पर्यटकों की बड़ी भरमार रहती है, इन पर्यटन स्थलों के अलावा हिमाचल में कई ऐतिहासिक मन्दिर हैं जहाँ लाखों लोग नवरात्रों और शिवरात्रि के दौरान दर्शन के लिए आते हैं। 

                                                               



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हिमाचल प्रदेश आने वाले इन पर्यटकों को अब पर्यावरण टैक्स देना पड़ सकता है। हिमाचल हाई कोर्ट ने इस मामले पर हिमाचल प्रदेश सरकार को विशेष कार्यबल का गठन करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने हिमाचल आने वाले पर्यटकों को भी आदेश दिया है कि वो हिमाचल आकर गन्दगी न फैलाएं और अपने साथ कचरा डालने के लिए कैरी  बैग रखें। इसके साथ ही माननीय उच्च न्यायालय ने सिक्किम और भूटान सरकार की तर्ज़ पर पर्यटकों से पर्यावरण टैक्स वसूलने के निर्देश हिमाचल सरकार को दिए हैं। 


सेब के बागीचों के अलावा पर्यटन व्यवसाय हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पर्यटन कारोबार राज्य की कुल घरेलु उत्पादन या आय में महत्वपूर्ण योगदान देता है और स्थानीय निवासियों के रोजगार का भी प्रमुख स्त्रोत है। पर्यटन से जुडी कई सेवाएं जैसे होटल, रेस्त्रां, ट्रैवेल एजेंसी, यहाँ के पारंपरिक उत्पादन की बिक्री, गाइड सेवाएं, साहसिक खेलों से जदुइ सेवाएं राज्य की आर्थिकी को मजबूत करने में सहायक होती हैं। ये सब सेवाएं पर्यटकों द्वारा ली जाती हैं। 




हिमाचल में साल 2013 से लेकर अभी तक पर्यटकों की आमद में खासी बढ़ोतरी देखि जा सकती है। कोरोना महामारी के कारण पर्यटकों की आमद थोड़ी कम हुई थी लेकिन अब फिर से पर्यटन कारोबार ने रफ़्तार पकड़ ली है। लेकिन अब हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद यहाँ आने वाले पर्यटकों को काफी झटका लग सकता है। इसके लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने के निर्देश माननीय न्यायालय द्वारा दिए गए हैं। 

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