हिमाचल में बनने वाले इस पुल की ऊंचाई होगी तीन कुतुब मीनारों के बराबर ..पर्यटक भी हो जाएंगे हैरान

हिमाचल प्रदेश के कई ज़िलों में आजकल फोरलेन का काम जोर शोर से चल रहा है इन फोरलेन के माध्यम से हिमाचल प्रदेश पहुंचना न केवल काफी आसान हो जाएगा बल्कि काफी समय की भी बचत होगी। ये फोरलेन सड़कें,पुल और सुरंगें यहाँ आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर लुभाएंगी। लाहुल स्पीति में बनी अटल सुरंग को निहारने के लिए, उससे होकर यात्रा करने के लिए ही हज़ारों पर्यटक यहाँ आते हैं। पहाड़ों को चीर कर बनाई गई सुरंगों के अलावा एक पहाड़ से निकल कर दूसरे पहाड़ में प्रवेश करते फ्लाई ओवर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। आधुनिक इंजीनियरिंग का ऐसा ही एक और शानदार नमूना तैयार होकर सामने आने वाला है। 


 कुछ दिनों पहले शिमला के ढली-कैथलीघाट फोरलेन पर शोघी शहर के पास 705 मीटर लम्भी सुरंग के दोनों छोर मिल जाने की सफलता मिलने पर ब्रेकथ्रू सेरेमनी आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता NHAI के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने की। इस दौरान उन्होंने बताया कि इस पहाड़ी के ऊपर हज़ारों पेड़ हैं। अगर सुरंग न बनती तो फोरलेन बनाने के लिए पहाड़ी और हजारों पेड़ काटने पड़ते। इस तरह से हमने हज़ारों पेड़ो को कटने से बचाया है। और प्रोजेक्ट के तहत अभी और नौ सुरंगें और बननी हैं उनसे भी हज़ारों पेड़ो को कटने से बचा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस फोरलेन की निर्माण में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। 

इस फोरलेन में बनने वाले एक पुल के पिलर की ऊंचाई 150 मीटर है जबकि कुतुबमीनार की ऊंचाई 72. 50 मीटर है। शकराल पुल के पिलर की ऊंचाई 210 मीटर होने वाली है जोकि तीन कुतुबमीनार के बराबर होगी। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यह कितना चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट है। ये पुल यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होंगे। इन परियोजनाओं में यहाँ कई ऐसी मानवरचित रचनाएँ होंगीं जो पर्यटकों को भी हैरान कर देगीं। 

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