रंगो का त्यौहार होली छोटी काशी यानी मण्डी नगरी में आज राज देवता माधवराय की उपस्थिति में पारम्परिक ढंग से मनाया जाएगा। होली रंगों और प्यार का त्यौहार है। छोटी काशी के सभी लोग अपने -परायों के प्यार के रंग जाएंगे। यूँ तो लोग समूचे मण्डी नगर में होली पुरे जोश और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं लेकिन नौजवान युवक और युवतियां की असली होली तो सुर्ख गुलाल, पानी की बौछारों और संगीत की धुनों पर नाचते हुए प्रसिद्ध सेरी मंच पर मनाई जाती है। हर साल की तरह इस साल भी हज़ारो युवाओं पहुंचने की उम्मीद है।
Raj madhav Rai Mandi
देश भर में होली सोमवार यानि 25 मार्च जाएगी लेकिन मण्डी नगर में होली का त्योहार रविवार को मनाया जाएगा। छोटी काशी में होली एक दिन पहले मनाई जाती है। सदियों से यह परम्परा निभाई जाती है। एक तरफ जहाँ युवा वर्ग डी जे की धुनों पर नाचते हुए गुलाल उड़ाएंगे तो वही दूसरी ओर अन्य लोग अपने मुहल्लों में ढोलक व् चिमटों के मधुर लहरियों पर होली के गीत गाकर और घरो में बने हुए पारम्परिक व्यंजनों भल्ले बाबरू खाते हुए होली का लुत्फ़ उठाएंगे। मण्डी के मुहल्लों खासकर पुरानी मण्डी में मन्दिरों के आंगनों में यह त्यौहार बहुत ही सौहार्दपूर्वक मनाया जाता है। यहाँ सब छोटे बड़े, गरीब अमीर इकट्ठे होकर होली मनाते हैं।
मण्डी के आराध्य राज माधवराय के पुजारी हर्ष कुमार बताते हैं कि आम जनता द्वारा माधवराय की प्रतिमा को रंग गुलाल लगाने के बाद तहसीलदार मन्दिर में आकर विधिवत पूजा करेंगे और इसके उपरांत दोपहर 2 बजे माधव राय अपनी पालकी में विराजमान होकर शहर की परिक्रमा कर अपना आशीर्वाद लोगों को देंगे। परम्परा के अनुसार, माधव राय शहर की परिक्रमा पूरी करने के बाद अपने मन्दिर वापस पहुंचेंगे तो होली का त्यौहार भी सम्पन हो जाएगा।
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