संगीत विषय के सेवानिवृत प्राध्यापक सोम दत्त 86 वर्ष के हैं। इन्होने लोक संगीत व् शास्त्रीय गायन में अपनी कला को देश सहित दुनिया भर में दिखा कर काफी नाम कमाया है। पटियाला घराने से ताल्लुक रखने वाले सोम दत्त जी का जन्म 5 जुलाई 1937 को काँगड़ा के जसूर में हुआ था। सोम दत्त जी शिमला के होरी क्षेत्र के रहने वाले है। इनकी प्रारम्भिक संगीत शिक्षा घर से ही शुरू हुई, इनके पिता भी संगीत में काफी महारत रखते थे और श्याम चौरासी घराने से ताल्लुक रखते थे। इनके पिता पं० राम लाल बट्टू जालंधर के नकोदर में कार्यरत थे, सोम दत्त जी का बचपन यहीं बीता।सोमदत्त जी ने ग्वालियर घराने, पटियाला घराने के गुरुओं से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त की।
सोम दत्त बट्टू ने लगभग 36 वर्षो तक हिमाचल के विभिन्न महाविद्यालयों में संगीत की शिक्षा, प्राध्यापक के तौर पर अपने शिष्यों को दी, उसके बाद शिमला के कोटशेरा कॉलेज से सेवानिवृत हुए हैं। वे Indian Council for Cultural Relation, विदेश मंत्रालय भारत सरकार में हिंदुस्तानी संगीत समिति के सदस्य और उच्च कोटि के कलाकार रहे हैं। इन्होनें देश के अलावा USA , UK , नाइजीरिया, केन्या ,वेस्टइंडीज़, पाकिस्तान आदि देशों में संगीत के अनेक कार्यक्रम किये हैं।
पदमश्री के अलावा सोम दत्त बट्टू हिमाचल गौरव 2016,पंजाब संगीत रत्न अवार्ड 2015, दिल्ली सरकार से 2012 में "लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड ", डा० जसवंत सिंह अवार्ड सहित अनेक अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं। संगीत के क्षेत्र में उच्च कोटि के योगदान के लिए उन्हें "संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार" से भी नवाज़ा जा चूका है।
0 टिप्पणियाँ