कोटगढ़ : कोटगढ़ शिमला के कुमारसैन उपखण्ड का एक गाँव है जहाँ उत्कृष्ट किस्म के सेब उगाये जाते हैं। यहाँ के सूंदर बगीचों में हर साल बर्फ़बारी होती है जिसे देखने के लिए बाहरी पर्यटक हर साल यहाँ लाखो की संख्या में आते हैं।
कोटखाई : कोटखाई शिमला की एक तहसील है जो बहुत सुन्दर शहर है। कोटखाई समुद्रतल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कोटखाई गिरी नदी के किनारे बसा हुआ है। यहाँ के सेब अपनी मिठास और गुणवत्ता के लिए मशहूर हैं। हर साल पड़ने वाली बर्फ ही यहाँ के सेब को गुणवत्तापूर्ण बनाती है।
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नारकण्डा : नारकण्डा शिमला से 65 किलोमीटर दूर देवदार के जंगलों से घिरा खूबसूरत गाँव है जो सेब के बगीचों और स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के बागीचों से उत्तम किस्म का सेब हिमाचल से बाहर भेजा जाता है। सेब के ये बागीचे दुनिया भर में मशहूर हैं।
क्यारी : क्यारी गाँव शिमला की तहसील कोटखाई में स्थित एक खूबसूरत गाँव है, हर साल यहाँ भारी मात्रा में सेब का उत्पादन होता है। क्यारी गाँव कोटखाई तहसील में सबसे अमीर गाँव है। यहाँ के बगीचों में गुणवत्तापूर्ण सेब देश के कोने कोने तक पहुँचाया जाता है। यहाँ का सेब काफी रसीला और सुदंर रंग का माना जाता है।
खनेटी : कोटखाई तहसील में स्थित खनेटी काफी बड़ा गाँव है जो किसी समय एक रियासत हुआ करती थी। यहाँ सेब के काफी बड़े बड़े बगीचे हैं जहाँ विविध किस्मो के सेब तैयार किये जाते हैं। यहाँ प्राचीन कल में निर्मित देवता का भव्य मंदिर भी है जिसे देखने के लिए काफी पर्यटक इस जगह का रुख करते हैं।
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जुब्बल: जुब्बल शिमला जिला की एक तहसील है जो काफी ऐतिहासिक महत्व रखती है। सतलुज ,पब्बर ,और गिरी नदी की घाटियों में बसा यह जुब्बल गाँव 'कोटगढ़ ,कोटखाई, कुमारसैन और चौपाल ' की तरह ही पुरे प्रदेश में सेब के उत्पादन के लिए मशहूर है। यहाँ के राजाओ के महल को देखने के लिए विश्व भर से सैलानी यहाँ आते हैं। यहाँ के बगीचों से लाखों पेटी सेब हर साल निकाला जाता है।
थानेदार : थानेदार नाम के इस गाँव को हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है। शिमला से लगभग 80 किलोमीटर दूर नारकंडा के पास है। पर्यटक यहाँ हिल स्टेशन मान कर घूमने आते हैं लेकिन यह गाँव अपने अति उत्तम गुणवत्तपूर्ण सेब के बगीचों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ की ऊँची ऊँची चोटियाँ पर हर साल भारी मात्रा में बर्फ गिरती है जो कि सेब की फसल के लिए प्राकृतिक खाद का काम करती है और यहाँ के सेब को ज्यादा रसीला और स्वादिष्ट बनाती है।
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चौपाल : चौपाल भी शिमला की एक तहसील है जो उत्कृष्ट किस्म के सेब के लिए देश भर में जाना पहचाना जाता है। यहाँ से सेब की लाखों पेटियां देश विदेश में भेजी जाती हैं। एशिया का सबसे अमीर गाँव मड़ावग चौपाल तहसील के अंतर्गत आता है, यहाँ के हर परिवार के औसतन आमदनी 40 से 75 लाख है। यहाँ काफी बड़े बड़े और पुराने बागीचे हैं जिनसे सेब की बम्पर फसल प्राप्त की जाती है।
रामपुर बुशहर: रामपुर बुशहर अपने सेब के बगीचों के अलावा अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना पहचाना जाता है। रामपुर का लवी मेला दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह शिमला से 130 किलोमीटर और समुद्रतल से 1008 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ काफी मात्रा में स्वादिष्ट सेब की पैदावार होती है।
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रोहड़ू : रोहड़ू शिमला की एक तहसील है जो काफी खूबसूरत शहर है। यहाँ आसपास काफी प्राकृतिक खूबसूरती देखने को मिलती है। रोहड़ू के सेब के बागीचे हर साल करोड़ों रूपए की आमदनी बागबानों को कराते हैं। देश की फल मंडियों में रोहड़ू के सेब की मांग अक्सर रहती है। रोहड़ू में पर्यटक लोग ट्राउट फिशिंग के लिए भी आते हैं।
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