जयराम बतातें हैं कि वो 1970 से टमाटर की खेती करते आ रहें हैं और 53 सालों में टमाटर के इतने ऊँचे दाम पहली बार मिले हैं। चूँकि इस बार घाटी में बारिश होती रही जिससे तापमान में ठण्डक बनी रही और फसल में बीमारी भी पनपी लेकिन इसके बावजूद इनके परिवार ने दिन रात मेहनत की। बीमारी न पनपती तो 12000 क्रेट पैदावार होने की पूरी पूरी उम्मीद थी। इन्होने अंसल वेराइटी के ढेड़ किलो बीज से पौधे तैयार कर अपने खेतों में लगाए थे।
जयराम सैनी ने अब तक 8300 क्रेट बेच दिए हैं, अभी पिछले कल ही 300 क्रेट दिल्ली भेजे गए हैं जबकि 500 के करीब क्रेट खेतों में ही हैं। उनका कहना है कि 53 सालों में पहली बार टमाटर का दाम इतना ऊँचा गया है हालाँकि पिछले साल 10 हज़ार क्रेट बेच कर उन्हें 55 लाख की कमाई हुई थी वहीँ इस बार 8300 क्रेट ने ही करोड़पति बना दिया। करीब 60 बीघा जमीन पर जयराम सैनी और उनके परिवार के सदस्य अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर की खेती करते हैं और खेतों से टमाटर सीधा दिल्ली की आज़ादपुर सब्ज़ी मंडी को भेजा जाता है, जहाँ के व्यापारियों से इनके काफी पुराने सम्बन्ध हो गए हैं।
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खेती में लम्बा अनुभव रखने वाले जयराम खाद, उर्वरकों और कीटनाशकों का काफी ज्ञान है जिस वजह से ही वो यह कारनामा कर पाएं हैं हालाँकि इस बार लगातार हुई बारिश की वजह से फसलों को कई तरह की बीमारियों ने भी नुक्सान पहुँचाया है। सबसे ज्यादा अर्ली ब्लाइट बीमारी की वजह से फसल को काफी नुक्सान हुआ है अन्यथा 4000 क्रेट और निकल सकते थे।
टमाटर के अलावा जयराम सैनी बतातें हैं कि इस बार देश में जब टमाटर का संकट हो गया तो हिमाचल का ही टमाटर देश भर में बिका। वो कहते हैं कि जो किसान हर साल टमाटर की खेती करता है उसे 10 साल में एक बार शानदार समय मिलता है जब टमाटर ऊँचे भाव पर बिकता है। जयराम सैनी टमाटर के अलावा दूसरी कई सब्ज़ियों की खेती भी करते हैं प्रदेश के युवा और किसानो को अपने सन्देश में जयराम कहते हैं कि मेहनत करने से खेत सोना उगल सकते हैं इसलिए नौकरी की तरफ भागने की बजाये कृषि की ओर रुख चाहिए।
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