यह खूबसूरत जगह देवदार के घने जंगलों से घिरी हुई है। देवदार के ऊँचे ऊँचे दरख्त सूरज की किरणों को भी नीचे नहीं पड़ने देते, इसलिए इन जंगलों का वातावरण बेहद सुहावना बना रहता है। इन जंगलों के बीच में स्थित है एक खूबसूरत मन्दिर, पुण्डरीक ऋषि का यहाँ पुण्डरीक ऋषि को देवता के रूप में पूजा जाता है। साल 1951 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने देव पुण्डरीक को गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली बुलाया था और देवता मण्डी रियासत के राजा जोगिन्दर सेन के कहने पर दिल्ली गए भी थे..
Pundrik Rishi Temple, Ropa Photo: By the Author |
हिमाचल प्रदेश के जिला मण्डी के मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर बाह्य सराज घाटी के एक गाँव पन्जाई में एक बहुत ही खूबसूरत जगह है रोपा। दोस्तों अगर आप शहर की भाग दौड़ से दूर कही शांत जगह पर शांति और सुकून के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो इस पोस्ट में बताई जगह पर जरूर जाएँ अगर आप कुल्लू मनाली घूमने आ रहे हैं तो बीच में थलौट नाम के कसबे से एक लिंक है, दोस्तों कुछ दिन पहले ही मैं इस जगह जा कर आया हूँ सच कहूं तो यह जगह बहुत ही खूबसूरत और शांत जगह है दिमाग और आखों को खुराक देने वाली जगह है। अगर आप यहाँ जाना चाहें तो, मण्डी-कुल्लू (मनाली) रोड पर दोस्तों एक गाँव है थलौट। मण्डी बस स्टैंड से लगभग 45 किलोमीटर दूर यह गाँव फोरलेन पर ही है। थलौट से व्यास नदी पर बने एक पुल को पार कर सिराज घाटी में Enter कर लेना है, यहाँ से 12 -13 किलोमीटर की दूरी पर गाँव पन्जाई है। थलौट का पुल पर करने के साथ ही शुरू हो जाता है पहाड़ी सड़क का सफर। अब सारा सफर Single Road पर ही है दोस्तों,
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यह सारा ही रास्ता काफी रोमांचक है. धीरे धीरे पहाड़ चढ़ना अपने आप में काफी रामोंचक अनुभव होता है। बहुत ज्यादा ऊपर पहुँच जाने पर दोस्तों नीचे के बहुत ही सुन्दर नज़ारे देखने को मिलते हैं। दूर दूर तक के ऊँचे ऊँचे पहाड़ देखने को मिलते हैं। कहीं कहीं सड़क कच्ची है लेकिन पहाड़ घूमने निकले हों तो कच्ची सड़कें भी रोमांचक लगती हैं। बीच में देवदार के पेड़, जंगल की ठंडी- ठंडी ताज़ा हवा में अपनी भीनी भीनी खुशबू बिखरते है। बहुत ही सुन्दर सुहाना यहाँ का दृश्य होता है दोस्तों।
Devdar Trees in the Way to Panjai Photo: by Author |
करीब 1 घंटे का सुखमय सफर करने के बाद पन्जाई गाँव से पहले ही एक लिंक है गाँव रोपा के लिए। आपको बताना चाहूंगा दोस्तों कि यहाँ थलौट बाजार ही आखिरी बाजार है यहाँ से आगे आपको दुकानें बहुत ही कम मिलेंगी इसलिए जरूरत का सामान पहले से Carry कर चलें। गाँव की इन सडकों पर राहगीर भी कम ही मिलेंगे इसलिए सावधानी पूर्वक ही Drive करें क्योंकि यहाँ मकान भी कम ही देखने को मिलते हैं। यहाँ लोगों के सेब,खुबानी और जापानी फल आदि के बगीचे हैं जहाँ से दूसरे राज्यों को फलों की Supply की जाती है। रोपा के लिए लिंक लेने के बाद दोस्तों 2 किलोमीटर के बाद ही सफर की मज़िल आ जाती है।
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यहाँ बिलकुल एकांत में स्थित है ऋषि पुण्डरीक का सदियों पुराना काष्ठनिर्मित खूबसूरत मन्दिर, सारा मन्दिर देवदार की लकड़ी से बना है दोस्तों। कुछ समय पहले ही मंदिर की बाहर वाली लकड़ी बदली गई है और छत पर स्लेट का इस्तेमाल किया गया है, अन्दर का भाग पुराना ही है। मन्दिर के चारो तरफ देवदार के बड़े बड़े पेड़ हैं जिनमे से बहुत से पेड़ सैंकड़ों साल पुराने हैं,
Pundrik rishi Temple, Panjai, Ropa |
मन्दिर के बाहर एक खूबसूरत तालाब बना है जिसके बारे में कोई नहीं जानता कि यह कितना पुराना है। इस तलाब में रंग बिरंगी सुन्दर मछलियां हैं जिन्हे तालाब के निर्मल पानी में साफ़ देखा जा सकता है। गाँव के लिए यह एक प्राकृतिक जल स्त्रोत भी है। इस तालाब के पानी से गाँव के खेतों की सिंचाई की जाती है। फल और सब्जियाँ यहाँ की मुख्य फसलें हैं।
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मन्दिर के बाहर नन्दी जी विराजमान हैं, उनके बिलकुल सामने मन्दिर के गर्भ गृह में ऋषि पुण्डरीक की बेहद आकर्षक और खूबसूरत प्राचीन मूर्ति स्थापित है। आदमकद, यह मूर्ति सफ़ेद संगमरमर की बनी हुई है, जिसमे ऋषि को धनुष-बाण लिए दिखाया गया है। मन्दिर की दीवारें लकड़ी की बनी हैं जिन पर सुन्दर नक्काशी की गई है, दीवारों पर देवी देवताओं और फूल पतियों की आकृतियां उकेरी गई हैं। यह मन्दिर बिलकुल शांत और एकांत जगह में हैं। यहाँ का वातावरण और भौगोलिक स्थिति बहुत ही दिलकश हैं ,अगर आप शांति के कुछ पल बिताना चाहें तो यहाँ आ सकते हैं ,निराश नहीं होंगे ये मेरा वादा है.. इस जगह का वीडियो देखें :
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