देवदार के घने जंगलों के बीचों बीच महर्षि पराशर का निवास- Nanhani Prashar Temple, Mandi, Himachal Pradesh

हिमाचल प्रदेश अपनी देव संस्कृति के लिए विश्व भर में सुविख्यात है, यह बात हमारे पिछले कई पोस्ट से जानी जा सकती है।  हिमाचल में देश विदेश से लोग घूमने फिरने के अलावा देव संस्कृति से रूबरू होने के लिए भी आते हैं। हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रो में एक से बढ़कर एक जगहें हैं जहाँ पर्यटक लोग जाना चाहते हैं लेकिन समय की पाबन्दी और उन जगहों के कम प्रचार या जानकारी न होने के कारण बहुत से लोग वहां नहीं जा पाते। हम अपने पोस्ट के जरिये ऐसी ही जगहों के बारे में आपको बतातें हैं, अगर आप वहां नहीं जा पाते तो हमारी पोस्ट के जरिये आप उन जगहों को देख सकते हैं उनके बारे में जान सकते हैं। 

 हिमाचल ख़त्म हो रहा है : एक विश्लेषण,  एक विचार 


देवदार के घने जंगलों के बीचों बीच महर्षि पराशर का निवास- Nanhani Prashar Temple, Mandi, Himachal Pradesh

                      A View From Prashar Valley      Photo: By the Author           


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दोस्तों हिमाचल प्रदेश का जिला मण्डी अपनी बेपनाह प्राकृतिक ख़ूबसूरती के लिए काफी मशहूर है लेकिन यहाँ कई ऐसे जगहें हैं जो लोगों की नज़रो से अनजान हैं। मण्डी से जिला कुल्लू के लिए NH 21 सड़क मार्ग है जहाँ से ज्यादातर आवाजाही होती है, लेकिन मण्डी से एक और सड़क मार्ग है जिसका इस्तेमाल बहुत कम लोग ही करते हैं, यह है मण्डी- बजौरा सड़क मार्ग। इसी सड़क से विश्व प्रसिद्ध पराशर झील के लिए भी रास्ता है। इसी सड़क पर एक गांव है बाग्गी। बाग्गी गाँव से एक सड़क पराशर झील के लिए है और एक सड़क बेहद खूबसूरत गाँव नन्हनी के लिए। यह गाँव प्राकृतिक ख़ूबसूरती लबालब भरा हुआ है, यहाँ पराशर ऋषि का खूबसूरत मन्दिर है।  यह मन्दिर चारो तरफ से देवदार के घने जंगलो से घिरा हुआ है। मन्दिर के आस पास गिनती में ही कुछ मकान हैं। महर्षि का मंदिर और लोगो के मकान पहाड़ी शैली में बने हुए हैं जो काफी सुन्दर नज़ारा पेश करते हैं। यह मन्दिर हालाँकि दुबारा नया बनाया गया है लेकिन ऋषि पराशर यहाँ हज़ारों सालों से निवास कर रहे हैं। 


देवदार के घने जंगलों के बीचों बीच महर्षि पराशर का निवास- Nanhani Prashar Temple, Mandi, Himachal Pradesh

          View of Nanhani Village              Photo : By the Author


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यहाँ इस मंदिर तक सड़क मार्ग का अभी हाल ही में निर्माण हुआ है कुछ समय पहले तक यहाँ पैदल ही पंहुचा जा सकता था, काफी ज्यादा ऊंचाई पर होने के कारण यहाँ सर्दियों में हिमपात भी हो जाता है जिस कारन यहाँ काफी ठण्ड होती है, गर्मियों भी यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है। रंग बिरंगे वनस्पतियां व् फूल यहाँ आने वालों का स्वागत करते हैं।  निरंतर बहते हुए झरनों और पंछियों का मधुर शोर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ कभी भी किसी भी मौसम में आया जा सकता है।   

इस जगह का वीडियो देखें :




अन्य पहाड़ी मन्दिरों की तरह ही इस  मन्दिर का निर्माण भी देवदार की लकड़ी से हुआ है। मंदिर के मुख्य द्वार पर और भीतरी दीवारों की लकड़ी पर सुन्दर नक्काशी की गई है, फूल पत्तियां व् देवी देवताओं के आकर्षक चित्र उकेरे हुए हैं। तीन मंजिला यह मन्दिर पहाड़ी पेगोडा शैली में बना हुआ है। गर्भ गृह में देव पराशर ऋषि की अत्यंत सुन्दर आकर्षक मूर्ति स्थापित है। चारो तरफ जंगल होने के कारण यहाँ काफी शांति है सिर्फ शोर है तो पंछियो का और देवदार की पत्तियों को चीरती हुई ठण्डी तेज़ हवाओं का। आप यहाँ कभी भी आ सकते हैं, यहाँ प्रकृति आपका स्वागत करने के लिए  तैयार है।

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