Temple, Shree Aadi Brahma: Tihari. |
सबसे पहले, इस लेख को पढ़ने के लिए आपका और अन्य सभी पाठको का दिल की गहराइयो से शुक्रिया।हिमाचल प्रदेश को जानने के लिए यह एकमात्र पृष्ठ या ब्लॉग काफी नहीं है। हिमाचल प्रदेश को जानने के लिए
आपका यहाँ आना जरूरी है। जो पाठकगण हिमाचल में रह रहे हैं वे हिमाचल को बखूबी जानते हैं, हिमाचल मात्र एक भूखण्ड नहीं, यह प्रकृति का अनमोल खज़ाना है,जो बेपनाह प्राकृतिक खूबसूरती से भरा पड़ा है, यही प्राकृतिक खूबसूरती यहाँ की सम्पदा है, जिसका मज़ा लूटने के लिए लाखो लोग हर साल हिमाचल आते है। सर्दियों में हिमपात देखने के लिए और गर्मियों में जलती गर्मी से निजात पाने के लिए देसी विदेशी लोग यहाँ आते है। यहाँ के खूबसूरत नज़ारों को जो एक बार देख ले, उसका मन बार बार यहाँ आने को लालायित रहता है। उन्ही खूबसूरत नज़ारो को हम अपने ब्लॉग Lookhimachal.com के Post के जरिये दुनिया के कोने कोने में पहुँचाने का प्रयास करते हैं।सम्बंधित लेख का वीडियो देखें :
आज के इस पोस्ट में हम सफर करने जा रहे हैं, हिमाचल प्रदेश के जिला मण्डी के मुख्यालय से लगभग 50 -55 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी क्षेत्र उत्तरसाल के एक सुन्दर पहाड़ी गाँव, जिसका नाम है टिहरी। यह क्षेत्र जिला मण्डी के खूबसूरत इलाकों में से एक है। यहाँ हर साल सर्दियों में हिमपात होता है, उस वक़्त तो यहाँ का नज़ारा बहुत ही खूबसूरत होता है। यहाँ तक पहुँचने के लिए मण्डी नगर से कटौला गाँव पहुंचना पड़ता है जो कि एक निम्न पहाड़ी क्षेत्र है , यहाँ पहाड़ो के दृश्य देखने लायक हैं। कटौला में IIT संस्थान है जो IIT Mandi के नाम से जाना जाता है।यह IIT यहाँ की खूबसूरत ऊहल नदी के किनारे पर बनाया गया है, ऊहल नदी जिला काँगड़ा की धौलाधार पर्वत श्रृंखला के थमसर नामक ग्लेशियर से निकलती है और मण्डी में प्राचीन व्यास नदी में समाहित हो जाती है।
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कटौला से कुछ ही दूरी पर मुख्य सड़क से एक लिंक रोड बनता है जो विश्व प्रसिद्ध पराशर झील की तरफ जाता है और मुख्य सड़क टिहरी गाँव की तरफ जाती है।यह सड़क आगे चलकर, जिला मण्डी और जिला कुल्लू के सीमा पर बसे गाँव बजौरा में NH-21 से मिलती है। कटौला से लगभग 20 -25 मिनट का सफर करने के बाद एक अन्य लिंक रोड मिलता है जो टिहरी गाँव तक जाता है यह सड़क यहीँ तक है। टिहरी गाँव बहुत खूबसूरत जगह है जहाँ ऊँचे ऊँचे पहाड़ हैं, गहरी खाईयां हैं, देवदार के हरे भरे विशाल वृक्ष हैं। यहाँ बने हुए लकड़ी के पुराने मकान यहाँ की खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं।
Devidarh II यहाँ आ गए तो मानो जन्नत में आ गए II Himachal
इस सुन्दर गाँव, टिहरी में ही है हिमाचल की प्राचीन संस्कृति को बयाँ करता हुआ एक खूबसूरत मन्दिर जो मण्डी जनपद के आराध्य देव श्री आदि ब्रह्मा का निवास स्थान है। यह मन्दिर काफी पुराना है। लकड़ी और स्लेट पत्थर से निर्मित यह मन्दिर पहाड़ी पेगोडा शैली में बनाया गया है।मन्दिर के सामने खुला मैदान है और देवदार का एक पुराना वृक्ष है। साथ में एक नए मन्दिर का भी निर्माण किया गया है वो भी काफी सुन्दर है। मन्दिर के आस पास गिने चुने ही मकान हैं जिनमे से अधिकतर लकड़ी से निर्मित हैं।ये मकान यहाँ के वातावरण के लिहाज़ से काफी फायदेमंद हैं, गर्मियों में ये मकान अंदर से ठण्डे और सर्दियों में गर्म रहते हैं। इन मकानों की छत स्लेट पत्थर से बनी हुई, ढलानदार होती हैं क्योंकि सर्दियों में यहाँ भारी मात्रा में बर्फ गिरती है , ढलानदार होने के कारण इन छतों पर बर्फ ज्यादा देर तक टिक नहीं पाती और लोगो को कम परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
Some Pics From Tihari Village
यह सारा क्षेत्र अपनी हसीं वादियों के लिए प्रसिद्ध है।यहाँ के पहाड़ो पर फैली हुई हरियाली यहाँ आने वाले लोगो का मन मोह लेती है, बरसात और सर्दियों के दिनों में यहाँ आने का अपना ही मज़ा है।वैसे तो मन्दिर तक सड़क है और गाडी से आया जा सकता है लेकिन पैदल सफर का अपना ही मज़ा है ,बीच में बहुत से सुन्दर दृश्य देखने को मिलते हैं।यह जगह काफी ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है,यहाँ से नीचे के इलाकों का सुन्दर नज़ारा देखने को मिलता है, यहाँ से IIT का भी सुन्दर दृश्य देखने को मिलता है। इस गांव की आबादी काफी कम है,लोगो के मकान दूर दूर बने हुए हैं।यहाँ के लोगो का मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन है। सब्जियों का उत्पादन यहाँ ऊँचे स्तर पर होता है। यहाँ के लोग काफी मिलनसार और शांत स्वभाव के हैं। बाजार के नाम पर यहाँ कुछ गिनी चुनी दुकानें ही हैं, जहाँ ग्रामीणों की जरूरत का सारा सामान मिल जाता है। शहरों के शोरगुल और प्रदुषण भरे माहौल से दूर यह जगह बेहद शांत सुरम्य और ताज़ा आबो हवा वाली है। कुल मिलाकर यह जगह घूमने फिरने लायक है , प्रकृति के बेहद करीब है।
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