पहाड़ों की रानी, शिमला Photo: By the Author |
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शिमला को यह नाम यहां की प्रसिद्ध स्थानीय देवी माता "श्यामला देवी" से मिला जो मां काली का अवतार मानी जाती हैं। स्थानिय लोग सिमला भी कहते हैं। शिमला शहर और शिमला जिला जैसे आज हैं वैसा बनने में अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है। शिमला का ऐतिहासिक सफर जो किताबों में दर्ज है, ज्यादा लंबा नहीं है। शिमला का ऐतिहासिक सफ़र साल 1804 से 1806 तक से शुरू होता है जिस दौरान "गोरखा" सेना ने "कांगड़ा" के किले पर आक्रमण किया और बाद में "सिख" सेना ने उन्हें वहां से हराकर भगा दिया था। उस समय शिमला के खेत वीरान, गहरे घने जंगल वाले, कहीं साल भर बर्फ से ढके रहने वाले होते थे। काफी कम संख्या में लोग बसे हुए थे। ये सारा भू भाग उच्च पहाड़ी क्षेत्र था जहां गोरखा ने निवास शुरू किया था। शिमला और आस-पास के क्षेत्र में काफी किले बनवाए और उनमें से एक "जगत गढ़" का किला है जो आज जतोग सैन्य शिविर के रूप में जाना जाता है। गोरखाओं ने इस क्षेत्र पर राज करने के विचार से धीरे-धीरे आस पास की रियासतों पर हमले शुरू कर दिये और उन पर अधिकार करना शुरू कर दिया। गोरखा के डर के कारण कुछ रियासतों के राजाओं ने, तब तक इस क्षेत्र से दूर भारत देश के अन्य क्षेत्रों पर राज कर रही "ब्रिटिश हुकूमत" को सहायता के लिए बुलाया। ब्रिटिश हुकूमत ने कुछ शर्तो पर पहाड़ी रियासतों की सहायता कर गोरखाओ से मुक्त करवाया और इस क्षेत्र को अपने अधिकार में ले लिया। शिमला की ख़ूबसूरती और जलवायु को बेहतर मानते हुए इसे अपनी राजधानी बना दिया और यहां बहुत से निर्माण कार्य करवाए जो आज भी इतिहास पन्नों में दर्ज हैं। आज़ादी के बाद हिमाचल के पूर्ण राज्य बनने के बाद शिमला को हिमाचल प्रदेश के ज़िले का दर्ज़ा 1 सितंबर 1972 को मिला।
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शिमला जिला हिमाचल प्रदेश के दक्षिण-पूर्व दिशा में समुद्र तल से 7,467 फीट की ऊंचाई पर है। शिमला का कुल क्षेत्र 5131 वर्ग कि.मी. है। जनगणना 2011 के अनुसार जिला की कुल आबादी 8,13,384 है। शिमला का लिंग अनुपात 916 महिलाये प्रति 1000 पुरुष है। शिमला जिला की कुल शिक्षा दर 84.55% है। यहाँ के कुल 90.73% पुरुष और 77.80% महिलाएं साक्षर हैं। शिमला जिले की कुल 12 तहसील, 5 उपतहसील, 363 पंचायतें हैं। जिला में 159 व्यक्ति प्रति वर्ग किलो मीटर का घनत्व है। शिमला जिला शहरी आबादी के लिहाज़ से प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। जिला शिमला के लोगों के रोजगार का मुख्य साधन पशुपालन, पर्यटन, कृषि और बागबानी है। हिमाचल प्रदेश में सब से ज्यादा सेब की पैदावार, शिमला में ही होती है, कोटगढ़ में सब से पहले सेब का पौधा लगाया गया था। सरकारी नौकरी में रोजगार भी यहां के लोगों को पसंद है। शिमला जिला से बहुत सी बड़ी हस्तियां पढ़ लिख कर निकली हैं जो देश विदेश में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। जिले में अधिक हिंदू धर्म के लोग हैं जबकि मुस्लिम, सिख और इसाई धर्म के लोग भी यहां निवास कर रहे हैं। शिमला के लोगों को शिमलाती के नाम से भी जाना जाता है। यहां के लोग काफी खुशमिजाज और मिलनसार प्रकृति के हैं जो साल भर के सारे त्यौहार और सांस्कृतिक कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। यहाँ के लोगों का पहनावा काफी साधारण सा है। ऊन के बने हुए कपड़ों का काफी प्रयोग किया जाता है, शिमला की पहाड़ी टोपी, मफलर, जुराबें ,और ऊनी शॉल विश्व प्रसिद्ध हैं। वास्तव में शिमला जिला घूमने फिरने के शौकीन लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां सभी लोगों के मनपसंद, विश्व प्रसिद्ध स्थान हैं जहां कोई भी जा कर घूमना फिरना पसंद करता है। शिमला शहर में विश्व प्रसिद्ध मॉल रोड, रिज, लक्कड़ बाजार (लकड़ी शिल्प के लिए प्रसिद्ध), केथोलिक चर्च (1846-1857), समर हिल, स्कैंडल प्वाइंट, जाखू मंदिर (हनुमान मंदिर) आदि जगहों पर रात दिन पर्यटकों और स्थानीय लोगों का मेला लगा रहता है। शिमला में ही सुप्रसिद्ध गेयटी थिएटर है जहां दुनिया भर के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं और करते हैं। शिमला जिला के अन्य क्षेत्र भी दुनिया भर में अपनी ख़ूबसूरती के लिए जाने जाते हैं। नालदेहरा, मशोबरा, कुफरी, चायल (विश्व का सबसे ऊंचा क्रिकेट मैदान), नारकंडा, जटोग, तत्तापानी (गर्म पानी के झरनों के लिए प्रसिद्ध) छराबड़ा, रोहड़ू, डोडारा क्वार,चौपाल, रामपुर बुशैर, जब्बल, कोटखाई, महासू, कुमारसैन, कोटशेरा आदि स्थान खूबसूरत और रोमांच से भरे पड़े हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। इन जगहों में पर्यटक खास तौर पर हिमपात (बर्फबारी) देखने आते हैं। शिमला से कुछ ही दूरी पर नालदेहरा स्थान है जहां गोल्फ का मैदान है जो अपनी तरह का भारत का सबसे पुराना गोल्फ मैदान है
शिमला में आइस स्केटिंग रिंक है जो देश का सबसे बड़ा प्राकृतिक बर्फ से बना हुआ और खुले आसमान के नीचे बना हुआ आइस स्केटिंग रिंग (रिंक) है। शिमला को, जिसका नाम यहां की प्रसिद्ध देवी माता "श्यामला" के नाम पर पड़ा है, देव भूमि शिमला के नाम से भी जाना जाता है, शिमला जिले में हनुमान जी का जाखू मन्दिर जोकि शिमला शहर के सबसे ऊंचे स्थान पर 8,051 फीट की ऊंचाई पर है। काली बाड़ी मन्दिर, देवी भीमा काली मन्दिर, तारा देवी मन्दिर, संकट मोचन मन्दिर, डोडरा क्वार के शिखरनुमा मन्दिर, हाटकोटी में माता हाटेश्वरी आदि मन्दिर काफी प्रसिद्ध हैं। शिमला के लोक नृत्य और लोक संगीत भी काफी लोकप्रिय हैं। शिमला के लोक नृत्य को नाटी कहा जाता है, जिस में महिलाएँ और पुरुष एक साथ हिस्सा लेते हैं।
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शिमला, प्रदेश के सभी जिलों के लोगों के लिए महत्व रखता है क्योंकि सभी विभागों के मुख्यालय या निदेशालय शिमला में ही हैं, इसलिए लोगों का आना जाना लगा रहता है, शिमला में 4 मुख्य अस्पताल और मेडिकल कॉलेज हैं जो आधुनिक सुविधा संपन्न हैं। शिमला शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रगति कर रहा है। शिमला में ब्रिटिश काल के दौरान शुरू किए गए स्कूल आज भी देश और प्रदेश के बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, बिशप कॉटन स्कूल, सेंट एडवर्ड स्कूल, ऑकलैंड हाउस स्कूल, शिमला पब्लिक स्कूल, डीएवी स्कूल, कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी आदि यहाँ के प्रसिद्ध स्कूल हैं। शिमला में हिमाचल का पीजीआई कहे जाने वाला इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी), सेंट बीड्स, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय बिजनेस स्कूल आदि शिक्षा संस्थान अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शिमला में 2 राजकीय दर्जे के पुस्तकालय हैं जिनमें किताबों के शौकीन लोग आते रहते हैं।
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शिमला को पहाड़ों की रानी कहा जाता है क्योंकि यह क्षेत्र पूरी तरह से पहाड़ी क्षेत्र है, यहां के पहाड़ों से गिरने वाले झरने अपनी ऊंचाई के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं चाडविक झरना इसका एक उदारण है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण शिमला में अधिक सफर पैदल चढ़ने वाला (खड़ी ढलान) और थका देने वाला है। शिमला की हसीन वादियाँ साल भर मेहमानों का स्वागत करती हैं। सैलानी साल में कभी भी शिमला आ सकते हैं। लोकल शिमला में हो सकता है कि किसी किसी स्थान पर आपको कोई वाहन ना मिले, क्योंकि यहां भारी ट्रैफिक, तंग और चढ़ाई वाले रास्तों के कारण, गाड़ियों की आवाजाही बंद है। माल रोड, रिज मैदान, लक्कड़ बाजार, जाखू आदि स्थानों में गाड़ी का प्रयोग सरकारी तौर पर निषिद्ध है। शिमला में परिवहन के सभी साधन हैं। सड़क मार्ग, हवाई मार्ग, रेल मार्ग द्वारा शिमला पहुंचा सकता है, सड़क मार्ग से शिमला आज देश के हर शहर से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है, एक समय ऐसा भी था जब प्रदेश से बाहर से शिमला आने वाले लोग आने से पहले 100 बार सोचते थे क्योंकि उस समय प्रदेश में सड़कों का भी अभाव था और प्रदेश दुर्गम राज्यों की श्रेणी में गिना जाता था। हवाई मार्ग (एयर वे) से भी शिमला पहुंच सकता है। शिमला का एक मात्र हवाई अड्डा जुब्बलहट्टी में है जो शिमला शहर से 22 किलोमीटर दूर है। रेल मार्ग का सफर शिमला से हरियाणा राज्य के कालका जी तक का है जो कभी ना भूले जाने वाला सफर है। यहाँ रेल लाइन ब्रिटिश काल में शिमला को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए बनाई गई थी। शिमला की यह रेल लाइन नैरो गेज लाइन है और यूनेस्को और गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल है। शिमला में ऑल इंडिया रेडियो द्वारा स्थापित रेडियो स्टेशन है जिसमें प्रादेशिक कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। अन्य रेडियो चैनल जैसे रेडियो मिर्ची, 99 एफएम, फीवर 104 ,विविध भारती आदि भी यहां काम करते हैं। दूरदर्शन केंद्र भी यहां कार्यरत है, जिसके माध्यम से प्रादेशिक कार्यक्रम दिखाए जाते हैं।
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शिमला जिला का मौसम ऋतु आधारित मौसम है। गर्मियो में गर्मी और सर्दी में सर्दी वाला मौसम है। जिले का तापमान -0.4 डिग्री सेल्सियस से 31 डिग्री तक है। शिमला को भूकम्प के मामले में जोन-5 (हाई डैमेज रिस्क जोन) में रखा गया है। शिमला जिले में सतलुज, पब्बर और गिरी मुख्य नदियाँ हैं। गिरि और पब्बर, यमुना नदी की सहायक नदियां हैं। शिमला जिला के ऊंचाई वाले जंगलों में देवदार, चीड़, ओक, बुरांस, कैल, रई आदि कई किस्म के पेड़ पाए जाते हैं। यहाँ के घने जंगलों में हिम तेंदुआ (हिमाचल का राज्य पशु), सफेद भालू, याक, जुजुराना (हिमाचल का राज्य पक्षी), मोनाल आदि दुर्लभ प्रजातियों के जीव जंतु पाये जाते हैं। शिमला जिला, किन्नौर, सिरमौर, कुल्लू, मण्डी, सोलन जिला जाने वाले लोगों के लिए विश्राम स्थल भी है। शिमला जिला में प्रति वर्ष बहुत से मेले मनाए जाते हैं जिनमें से कुछ मेले सैंकड़ों साल पुराने मेले हैं, लाखों देशी और विदेशी लोग भाग लेते हैं। महासू जातर, रामपुर लवी मेला, भोज मेला, सिपी मेला (मशोबरा), ग्रीष्मकालीन महोत्सव (शिमला), शीतकालीन खेल महोत्सव (शिमला) आदि प्रसिद्ध मेले हैं जो शिमला जिला में मनाये जाते हैं। शिमला में आने वाले पर्यटकों के लिए बहुत से होटल हैं, शिमला में 4 फाइव स्टार होटल हैं जबकि 4,3,2,1 स्टार होटल बहुत से हैं। शिमला में करीब 500 होटल हैं, हिमाचल पर्यटन विभाग ने भी बहुत से होटल और गेस्ट हाउस खोले हैं। शिमला के माल रोड, लक्कड़ बाजार, तिब्बती बाजार, आदि स्थानों में विभिन्न सामानों की खरीददारी की जा सकती है। शिमला वास्तव में हर व्यक्ति के लिए मनोरंजक स्थल है।
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