इस गुफा के अन्दर जाना उसके लिए उस समय सम्भव नहीं था, अगले दिन वह शिकारी अपने कुछ साथियो के साथ अंधेरी गुफा के अन्दर गया, तो वहां का नजारा देख कर वो सब दंग रह गए। वास्तव में यह हजारों साल पुरानी एक गुफा थी जो लोगों की नजर से बची हुई थी। गुफा के अन्दर उन्होंन भगवान शिव को अपने परिवार सहित विराजमान देखा।
इस घटना के बाद यहां लोगों का आना जाना शुरू हो गया है। अब दूर- दूर से लोग यहां भगवान शिव और उनके परिवार के दर्शन करने आते रहते हैं। यह गुफा जंगल में पहाड़ी के बीच स्थित है। गुफा के बाहर शिवलिंग की स्थापना की गई है लेकिन गुफा के अन्दर अंनगिनत शिवलिंग हैं जो स्वयं ही उत्पन्न हुए हैं। इस गुफ़ा का मुख्या द्वार काफी छोटा है जिसे लेट कर ही पार किया जा सकता है। यह एक अलौकिक गुफा है जिसके अन्दर कुदरत द्वारा निर्मित खूबसूरत कलाकृतियां मौजुद है। इन कलाकृतियों को देख कर ही मन खुशी से झूम उठता है। यहाँ लगभग 4 द्वार हैं जिन में से कुछ सामने की ओर हैं और कुछ ऊपर की ओर हैं।
यह गुफा अन्दर से इतनी अंधेरी है कि एक हाथ को दूसरा हाथ नजर नहीं आता। गांव के लोगों ने यहां बिजली का प्रबंध तो कर रखा है लेकिन शरारती तत्व लोगों ने बिजली के बल्ब तक निकाल लिए हैं, इसलिए इस गुफा में जाने वालों के पास टॉर्च का होना बहुत जरूरी है। यह गुफा अन्दर ही अन्दर काफी लम्बी और डरावनी है। इस गुफ़ा में किसी जानकार व्यक्ति के साथ जाना ही उचित है। पहली बार अन्दर जाने वाला व्यक्ति रास्ता भी भटक सकता है। गुफा के मुख्य कक्ष में शिव भगवान अपने परिवार के साथ विराजमान हैं। मुख्य कक्ष में पत्थरों और जमीन का रंग कहीं कहीं सफेद है, जिस कारण यहां कैलाश पर्वत होने जैसी अनुभूति होती है, वैसे भी हिमाचल प्रदेश, हिमालय और कैलाश पर्वत का ही हिस्सा है।
Beautiful Natural Artwork |
Beautiful Art on Stones in The Cave |
इस पवित्र गुफा में भगवान शिव और उनके परिवार से सम्बंधित कलाकृतियां विद्यमान हैं जो देखने में काफी खूबसूरत हैं। इनके अलावा यहां शंख, त्रिशूल, मेंढक, नर नारी के गुप्त अंगो जैसी आकृतियां, जानवरो की आकृतियां, डमरू की तरह आवाज निकालने वाले पत्थर, सरोवर, और चमकदार पत्थर भी विद्यामान हैं। नदियों और समंदरों में तो पानी के बहने से होने वाली घिसावट के कारण पत्थर अलग रूप बदल लेते हैं, लेकिन यहाँ इस गुफा में कहीं भी पानी जमा नहीं हुआ है ना ही पानी यहाँ बहता है फिर कैसे इन पत्थरों पर ऐसी खूबसूरत और अद्भुत आकृतियां और आकर्षक चित्र बन गए, ये अभी तक रहस्य ही है, हालाँकि यहां कहीं कहीं पत्थरों से पानी टपकता जरूर है। जिसकी वजह से यहां नमी का एहसास होता है। गुफा के अन्दर पर्याप्त मात्रा में हवा मौजुद है, जिस से यहां सांस लेने में किसी प्रकार की तकलीफ नहीं है, लेकिन डर तो सिर्फ अँधेरे में पांव फिसल जाने या नीचे गिर जाने का ही होता है।
View of One Shivling out side of main hall of the cave |
गुफा में कई तरह के शिवलिंग हैं, जिन्हें देख कर मन मोहित हो जाता है। यहां की भित्ति दीवारों पर भी कई चित्र उभर आए हैं जिन्हे देख कर बार बार यहां आने के लिए मन उतावला रहता है। मुख्य कक्ष में जो शिवलिंग है उस तरह का शिवलिंग शायद ही दुनिया में दूसरा हो। मुख्य कक्ष एक कमरे की तरह खुला खुला सा है जहां एक बार में 10 से 12 लोग आराम से बैठ सकते हैं या खड़े हो सकते हैं। वास्तव में यह गुफा काफी रोमांचक और अद्भुत है। याद एक बार इस शिव गुफा का सफर कर लिया जाए तो सारी उम्र यहां की स्मृति मन में छपी रहती हैं।
0 टिप्पणियाँ